पीबीएस कॉलेज बांका में मनाया गया 65 वां स्थापना दिवस; कुलपति ने कहा कॉलेज के दिन हुए बहुरेंगे.. दिए इतने करोड़।

पीबीएस कॉलेज बांका में मनाया गया 65 वां स्थापना दिवस; कुलपति ने कहा कॉलेज के दिन हुए बहुरेंगे.. दिए इतने करोड़।

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•कुलपति डॉ. (प्रो) जवाहरलाल, जिलाधिकारी अंशुल कुमार एवं प्रधान सचिव पंकज कुमार लोक स्वास्वाथ्य अभियंत्रण विभाग, बिहार सरकार रहे उपस्थित

•कॉलेज वेबसाइट व एप का कुलपति ने किया उद्घाटन..

•कॉलेज के विकास के लिए 5 करोड़ की राशि....

•पीजी के साथ-साथ वोकेशनल कोर्स एवं कॉमर्स की पढ़ाई..
बांका: जिले के एकमात्र सरकारी महाविद्यालय पीबीएस कॉलेज बांका का 65वां स्थापना दिवस बुधवार को स्थापना काल से पहली बार समारोह पूर्वक मनाया गया. कार्यक्रम की शुरुआत से पूर्व बलिराम शर्मा के प्रतिमा पर माल्यार्पण उपस्थित सभी ने बारी बारी से किया. समारोह में मुख्य अतिथि कुलपति डॉ. (प्रो) जवाहरलाल ,गेस्ट ऑफ ऑनर पंकज कुमार प्रधान सचिव लोक स्वास्वाथ्य अभियंत्रण विभाग, बिहार सरकार (पटना) जिलाधिकारी अंशुल कुमार, डीएसपी विपिन बिहारी,स्थापक परिवार से रवि शर्मा जिला परिषद मनोज बाबा एवं अन्य ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. महाविद्यालय के छात्राओं द्वारा शिव तांडव, कुल गीत गायन, स्वागत गान प्रस्तुत किया गया. गेस्ट ऑफ ऑनर पंकज कुमार के द्वारा आरण्यक (स्थापना दिवस समारोह की स्मारिका) का सामूहिक रूप से विमोचन किया गया. कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ अरविंद कुमार साह व वर्सर डॉ. सुरेश बिंद के द्वारा कुलपति महोदय को पुष्पगुच्छ व अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया. कार्यक्रम के दौरान कुलपति ने कॉलेज वेबसाइट व एप का उद्घाटन किया. कुलपति ने बताया कि कॉलेज के दिन हुए बहुरेंगे कॉलेज के विकास के लिए 5 करोड़ की राशि दी गई है. जिसमें साढे तीन करोड़ की राशि की बिल्डिंग बनाई जाएगी.. जो दूर से दिखेगी और डेढ़ करोड़ से छात्र-छात्राओं को पढ़ने के लिए लाइब्रेरी का निर्माण कराया जाएगा. कॉलेज में छात्रों के लिए छात्रावास का निर्माण, कॉलेज के चार दिवारी का निर्माण, कॉलेज में गेट का निर्माण, सहित अगले सत्र से चालू होने वाली पीजी की पढ़ाई के साथ-साथ कॉमर्स और वोकेशनल कोर्स की पढ़ाई को लेकर वर्तमान प्रभारी प्राचार्य को अपने संबोधन में निर्देशित किया एवं संथाली भाषा में भी पढ़ाई की शुरुआत करने की बात कही. आगे उन्होंने स्थापना दिवस मनाने एवं स्मारिका प्रकाशन को लेकर महाविद्यालय के प्राचार्य व वर्सर को बधाई दिया. साथ ही उन्होंने बताया कि दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में जब राष्ट्रपति द्रोपती मुर्मू को बताया कि मैं तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय का कुलपति हूं तो उन्होंने दूसरी बार आकर बोली कि आप तिलकामांझी के लिए कुछ कीजिए... और उन्होंने अपने किए गए कार्य को भी गिनाया. वहीं प्रधान सचिव पंकज कुमार ने अपने संबोधन में बताया कि मेरे ऊपर महाविद्यालय का ऋण है. मैं महाविद्यालय का पूर्ववर्ती छात्र रहा हूं. जहां तक हो सकता है मैं महाविद्यालय का विकास में सहभागी बनूंगा. तत्काल उन्होंने महाविद्यालय में बोरिंग एवं सड़क निर्माण की बात कही. छात्राओं के लिए छात्रावास को लेकर उपस्थित जिलाधिकारी अंशुल कुमार से निर्माण करने को लेकर कहा. जिसमें जिलाधिकारी ने तुरंत हामी भर दी. संथाली पारंपरिक नृत्य से मनोज बाबा के अगुवाई में कुलपति सहित सभी पदाधिकारी का स्वागत किया एवं तिलकामांझी स्मृति चित्र व अंग वस्त्र कुलपति महोदय को प्रदान किया गया. मौके पर सीसीडीसी प्रो अतुल कुमार घोष, पूर्व जिला परिषद अनिल सिंह, प्रोफेसर अवधेश, चंदन चौबे, पूर्व प्राचार्य कौशलेंद्र, अधिवक्ता माहेश्वरी यादव, चंदन आनंद सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एवं महाविद्यालय के पूर्ववर्ती छात्र उपस्थित रहे.
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कार्यक्रम के अंत में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें डॉ. अचल भारती, डॉ नवीन निकुंज, शंकर दास, डॉ अनिरुद्ध प्रसाद विमल, प्रकाश सेन प्रीतम सहित दर्जनों कवि ने बारी-बारी से अपनी कविता की प्रस्तुति कर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया. कार्यक्रम में सभी अतिथि को मोमेंटो और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया.

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