BANKA NEWS: तालाब में डूबने से तीन बच्चों की मौत, परिजनों में मचा कोहराम

BANKA NEWS: तालाब में डूबने से तीन बच्चों की मौत, परिजनों में मचा कोहराम

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ब्यूरो रिपोर्ट/कुमार चंदन 

बांका .जिले के अमरपुर थाना क्षेत्र के गंगापुर गड़ेल गांव में शुक्रवार को एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे गांव को गहरे शोक में डुबो दिया। गांव के तीन मासूम बच्चों की तालाब में डूबने से मौत हो गई, जिससे न सिर्फ तीन परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, बल्कि पूरे गांव में मातम छा गया।

जानकारी के मुताबिक, गांव के ही धर्मेंद्र कुमार (13) पिता हीरालाल दास, स्वीटी कुमारी (14) पिता मुकेश हरिजन और अमन कुमार (7) पिता अंकुश दास शुक्रवार दोपहर पास के हड़का पोखर में नहाने के लिए गए थे। लेकिन जब काफी देर तक वे वापस नहीं लौटे, तो परिजनों की चिंता बढ़ गई। बच्चों की खोजबीन शुरू हुई और इसी बीच कुछ ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने बच्चों को तालाब की ओर जाते देखा था। यह सूचना मिलते ही गांव के लोग पोखर की ओर दौड़े और बच्चों की तलाश शुरू कर दी। कुछ ही देर में तलाशी अभियान ने दुखद रूप ले लिया जब तीनों बच्चों के शव पोखर से निकाले गए। मौके पर चीख-पुकार मच गई और पूरा गांव गमगीन हो गया।

घटना की जानकारी मिलते ही तीनों बच्चों को तुरंत अमरपुर रेफरल अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सक डॉ. ज्योति भारती ने जांच के बाद तीनों को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर ने पुष्टि की कि बच्चों की मौत पानी में डूबने के कारण हुई है।

वहीं, सूचना मिलते ही अमरपुर थाना के अपर थाना अध्यक्ष विक्की कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और मामले की छानबीन शुरू की। शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस कानूनी प्रक्रिया में जुट गई है और घटनास्थल की भी जांच की जा रही है।

इस दर्दनाक हादसे के बाद गंगापुर गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। तीनों बच्चों के घरों में कोहराम मचा हुआ है। हर आंख नम है और हर चेहरा दुखी। बच्चों के शवों के गांव पहुंचते ही चीख-पुकार मच गई और पूरे माहौल में शोक गहराता चला गया। ग्रामीणों का कहना है कि यह हादसा केवल एक चूक नहीं, बल्कि सुरक्षा उपायों की भारी कमी का परिणाम है।

घटना के बाद गुस्साए और दुखी ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि गांव के पोखरों, तालाबों और सार्वजनिक जल स्रोतों के पास सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाएं। चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं, साथ ही बच्चों के प्रवेश को लेकर निगरानी की व्यवस्था हो। ग्रामीणों ने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रशासन को तत्काल पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता और मुआवजा देना चाहिए, ताकि उनके आंशिक राहत दी जा सके।
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