रेल संघर्ष समिति के धरने के छठे दिन धौनी पहुंचे सांसद, धरना समाप्त करने का किया अनुरोध

रेल संघर्ष समिति के धरने के छठे दिन धौनी पहुंचे सांसद, धरना समाप्त करने का किया अनुरोध

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रजौन, बांका : रजौन प्रखंड स्थित ब्रिटिशकालीन धौनी रेलवे स्टेशन पर सभी एक्सप्रेस व मेल ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर छठे दिन भी रेल संघर्ष समिति का अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा। धरना के छ्ठे दिन सोमवार 21 अगस्त को बांका के सांसद गिरधारी यादव धरना स्थल पर पहुंचकर रेल संघर्ष समिति के मांगों पर विचार विमर्श किया। इस मौके पर सांसद गिरधारी यादव ने धौनी रेल संघर्ष समिति के अध्यक्ष सिकंदर यादव, सचिव प्रमोद सिंह वेल्डन सहित दर्जनों गांव से आए हुए धरना स्थल पर बैठे हुए सैकड़ों उपस्थित सदस्यों के समक्ष मालदा डिवीजन के डीसीएम पवन कुमार से मोबाइल पर हुए बात के क्रम में दिए गए आश्वासन के अनुरूप जानकारी साझा करते हुए बताया कि एक महीने के अंदर धौनी रेलवे स्टेशन परिसर में कंप्यूटरीकृत टिकट काउंटर चालू हो जाएगा। सांसद गिरधारी यादव ने रेल संघर्ष समिति के मांग को जायज बताते हुए कहा कि धौनी रेलवे स्टेशन में सभी ट्रेन का ठहराव हो इसके लिए हम स्वयं संघर्षशील हैं।


मालदा डीआरएम से लेकर रेल मंत्री तक इस संबंध में स्वयं भेंट करते हुए जानकारी दे चुके हैं । सांसद ने फिर रेल संघर्ष समिति के साथ मालदा डिविजन के डीआरएम से मिलने की बात कही है। सांसद ने रेल संघर्ष समिति के सभी सदस्यों से धरना कार्यक्रम समाप्त करने के लिए अनुरोध किया। जिस पर रेल संघर्ष समिति ने ध्वनि मत से एक स्वर से कहा जब तक सभी ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित नहीं हो जाती तब तक धरना कार्यक्रम जारी रहेगा और रेल रोको अभियान भी चलाया जाएगा।

गांधी वादी नीति को अपनाते हुए संघर्ष को और तेज किया जाएगा। इस दौरान सांसद गिरधारी यादव ने धौनी रेलवे स्टेशन का भी जायजा लिया है। इस मौके पर सांसद के साथ बांके बिहारी, प्रमोद राउत, मोहम्मद कदीर अंसारी, एमएलसी प्रतिनिधि संजय कुमार पंडित, सांसद प्रतिनिधि राजेश्वर कुमार सिंह, प्रखंड जातीय अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह, जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिला उपाध्यक्ष मोहम्मद मुजफ्फर, मोहम्मद मुस्तफा सहित दर्जनों गांव के सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे। रेल संघर्ष समिति ने सांसद को जानकारी देते हुए बताया कि अंग्रेज के जमाने से ही इस स्टेशन को बी श्रेणी का दर्जा प्राप्त था, लेकिन कमर्शियल क्षेत्र में इस स्टेशन को अब हॉल्ट का दर्जा दे दिया गया है। धरना पर बैठे ग्रामीणों का कहना है कि इस स्टेशन पर आज भी दर्जनों सरकारी क्वार्टर है, जो अब खंडहर हो चुका है।

यहां आज भी स्टेशन मास्टर से लेकर कई कर्मचारी कार्यरत हैं। इस स्टेशन पर एक किलोमीटर लंबा प्लेटफॉर्म दोनों तरफ बना हुआ है। यहां रेलवे क्रॉसिंग के साथ-साथ ऊपरी पुल भी बना हुआ है। रेल प्रशासन ने यहां इसे स्टेशन मानकर ही तमाम सुविधा मुहैया कराई है। इंजीनियरिंग क्षेत्र में यह आज भी स्टेशन है, लेकिन कमर्शियल क्षेत्र में इसे हॉल्ट का दर्जा दे दिया गया है, इसे रेल प्रशासन का सौतेला व्यवहार नहीं तो और क्या कहा जाए ? रेल संघर्ष समिति धौनी के अध्यक्ष सिकंदर प्रसाद यादव, सचिव प्रमोद सिंह वेल्डन, कोषाध्यक्ष संजीव कुमार सिंह उर्फ मंगल सिंह, सत्यनारायण सिंह, अधिवक्ता विनोद कुमार पंझा आदि ने बताया कि डीआरएम सहित कई जनप्रतिनिधियों से बार-बार गुहार लगाए जाने के बावजूद इस स्टेशन के प्रति विभाग पूरी तरह उदासीन बनी हुई है।

जब तक पांच सूत्री मांगों पर रेल प्रशासन विचार नहीं कर लेती, तब तक हमारा आंदोलन लगातार जारी रहेगा। वहीं सोमवार को धरना स्थल पर रेल संघर्ष समिति के अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष के अलावे डॉ प्रोफेसर प्रताप नारायण सिंह, प्रोफेसर जय कुमार राणा, राजेंद्र साह, नरेश पांडेय, प्रमोद कुमार सुमन, प्रकाश कुमार पंकज, प्रियरंजन कुमार, अंथोनी दास, संदीप कपूर सहित काफी संख्या में ग्रामीण आदि उपस्थित थे।
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