बांका में रसूक वाले अपराधी के गिरेबान नहीं पहुंच पा रहे कानून के हाथ,हत्या के महीने बाद भी गिरफ्तारी

बांका में रसूक वाले अपराधी के गिरेबान नहीं पहुंच पा रहे कानून के हाथ,हत्या के महीने बाद भी गिरफ्तारी

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चार महिला सहित कुल 10 नामजद सभी अपराधी रिश्तेदार के छाव तले कर रहे मौज मस्ती.__ मृतक के परिजन।

बांका: माझी ही नाव डुबोए तो फिर कौन बचाए? इन दिनों जिले के कटोरिया पुलिस की यही कहानी है। बेखौफ अपराधियों का बढ़ता आतंक और पुलिस की नई बहुरिया और भैसूर वाले रिश्ते से कटोरिया थाना क्षेत्र में की कानून-व्यवस्था चरमराई हुई है. ऐसे में अपराध नियंत्रण और आम आदमी को सुरक्षा का भरोसा आखिर कौन दिलाएगा? महकमे में दागियों की मौज है। खाओ-कमाओ और ऊपर तक पहुंचाओ। सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का... कानून के रखवाले चाहे जब नियम-कायदे पैरों तले रौंदते रहें, कौन देखने वाला? कैसी कार्रवाई?

क्या है मामला:

दरअसल मामला निर्मम हत्या से जुड़ी हुई है.. जिले के कटोरिया थाना क्षेत्र के पपरेवा गांव की है. जहाँ एक माह पूर्व 2 सितंबर की रात में पपरेवा गांव के इश्वरी दास का पुत्र नंदकिशोर दास (25 वर्ष) को हाथ पैर बांध कर गले में रस्सी के फंदा लगाकर हत्या कर दिया गया था.
घटना को लेकर मृतक की पत्नी साजी देवी द्वारा कटोरिया थाना में आवेदन देकर गांव के ही हरेंद्र दास दिनेश दास बेलू दास देवेंद्र दास के अलावे चार महिला सहित 10 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. हत्या के एक माह बीत जाने के बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. मृतक के परिजन का आरोप है. कि अपराधी रसूक और पैसे वाले है. सभी खुले आम घूम रहे हैं. और हम गरीब लोगों को धमका रहे हैं. पुलिस छापेमारी तक करने नहीं आती. 

मृतक की पत्नी ने बताया कि 2 सितंबर की रात युवक अपने पुराने घर से नया घर आ रहा था. इसी दौरान रास्ते में नामजद हरेंद्र दास के साथ गाली गलौज के बाद मारपीट हो गई.
मामला शांत होने के बाद रात में नामजद सभी मृतक के घर में घुसकर युवक एवं उसकी पत्नी के साथ मारपीट की. मारपीट में युवक की पत्नी बेहोश हो गई. वहीं युवक के हाथ पैर को बांधकर फांसी से लटका दिया गया. इधर 3 सितंबर रविवार सुबह मृतक की मां जब अपने बेटे के घर गई तो मामले की जानकारी हुई.

हो हल्ला करने पर परिजन सहित अन्य ग्रामीण मौके पर पहुंचे तथा घटना की जानकारी पुलिस को दी गई थी. सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष महेश्वर राय, पुअनि महेश झा, सुभाष पासवान ने सदलबल मौके पर पहुंचे तथा शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराकर परिजन को सुपुर्द कर दिया था. तब से आज एक महीना बीत गया. अपराधियों की कोई गिरफ्तारी नहीं हुई. परिजन न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है. वहीं पुलिस के अनुसार सभी नामजद अपराधी लंबे समय से फरार बताए जा रहे हैं.

रिपोर्ट :सरोज कुमार
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