मशहूर साहित्यकार व कवि खुशीलाल मंजर का निधन, साहित्य जगत में शोक की लहर

मशहूर साहित्यकार व कवि खुशीलाल मंजर का निधन, साहित्य जगत में शोक की लहर

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बाराहाट: हिंदी व अंगिका के मशहूर साहित्यकार प्रख्यात कवि गजल लेखक खुशीलाल मंजर नहीं रहे. मंगलवार की रात्रि 1:30 बजे प्रखंड अंतर्गत चंगेरी गांव स्थित निवास स्थल पर निधन हो गया. वे 81 वर्ष के थे. पिछले कुछ दिनों से वह बीमार चल रहे थे. उनके निधन का समाचार फैलते ही साहित्य और प्रबुद्ध समाज में शोक की लहर फैल गई.

खुशीलाल मंजर संस्कृत मध्य विद्यालय चंगेरी में हिंदी के अध्यापक से सेवानिवृत हुए थे. बुधवार को भागलपुर गंगा घाट पर उनका अग्नि संस्कार किया गया. बड़े बेटे पवन यादव उन्हें मुखाग्नि दिया.
साहित्यकार डॉ अनिरुद्ध प्रसाद विमल ने बताया कि खुशी लाल मंजर के निधन से अंगिका व हिंदी ने अपना अनन्य सेवक और उन्होंने अपना आत्मीय शुभेच्छु ,सहयोगी एवं मार्गदर्शन को दिया. हिंदी व अंगिका के लिए उनके मन में जो त्याग की भावना थी. वह दूसरों में काम ही दिखाई देती है. उन्होंने सैकड़ो लोगों को हिंदी और साहित्य की ओर उन्मुख किया. 
उनके निधन पर डॉ अमरेंद्र प्रो. डॉ सुरेश बिंद डॉ राधेश्याम चौधरी अश्विनी प्रजावंशी अचल भारती प्रोफेसर डॉ नवीन निकुंज समाजसेवी श्याम यादव कैलाश प्रसाद नीरज महाराणा गिरधर प्रसाद मेहता नरेश साह सहित जिले भर के साहित्यकारों और कवियों ने खुशीलाल मंजर के निधन पर शोक व्यक्त किया है. 

वे अपने पीछे दो पुत्र पवन यादव एवं प्रशांत कुमार मुन्ना समेत पूरे परिवार को शोक संतृप्त छोड़ गए हैं.
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