86 वर्षीय अयोध्या के वृद्ध संत पहुंचे तेज़ नारायण बद्रिका पर्यावरण अनुसंधान केन्द्र हस्तिनापुर

86 वर्षीय अयोध्या के वृद्ध संत पहुंचे तेज़ नारायण बद्रिका पर्यावरण अनुसंधान केन्द्र हस्तिनापुर

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शंभूगंज/बांका:- संत शिरोमणि श्रीराम दास जी संध्या बेला में जीव विज्ञान शिक्षक सह जिला पर्यावरण विशेषज्ञ व भारतीय रेडक्रास सोसायटी बांका जिला इकाई प्रबंध कमिटी सदस्य प्रवीण कुमार प्रणव के साथ पहुंचे हस्तिनापुर। पहुंचते ही आसन लगाकर श्रीरामचरितमानस पाठ शुरू कर दिए। उन्होंने बताए कि मानव जीवन बहुत सौभाग्य से मिलता है। भक्त और भक्ति सर्वोपरी है। परंतु मानव का मन अंदर और बाहर एक जैसा हों। साथ ही साथ वो हमेशा किसी ईश्वर को ध्यान में हरेक सांस में जोड़ लिया हो या प्रकृति प्राणियों के साथ परोपकारी भावनाओं से दिनचर्या गृहस्थ जीवन व्यतीत कर रहा हो। उन्होंने बताए कि जिला से काफी दूर देहात में प्रवीण कुमार प्रणव ने जो यह दुर्लभ प्रजाति के पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन कर रहे हैं,यह बहुत अच्छा काम है।ज्ञान माया से मानव स्वर्ग की ओर जाता है और अज्ञान माया से नरक की ओर जाता है। जितना पुण्य है उतना ही स्वर्ग में रहते हैं। फिर यहां लौटता पड़ता है।मोक्ष प्राप्त 
करने वाले जनम मरण से मुक्त हो जाते हैं। भक्ति से ज्ञान होता है। ज्ञान से वैराग्य और वैराग्य होने से मोक्ष की प्राप्ति करा सकते हैं। परन्तु छल प्रपंच, झूठ, चोरी ,बेईमानी इत्यादि से दूर रहना होगा। देवता लोग भी चाहते हैंं कि हमलोग भी मनुष्य में जन्म लेकर भजन करते ।परंतु हमलोग पहुंच नहीं पाते लेकिन मन पहुंचता है। मानव कथा सुनें। परोपकारी काम करें। भगवान अलग-अलग रूप में अवतार लेकर महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। भगवान सबको देख रहे हैं। लेकिन हमलोग नहीं देख पा रहे हैं। वो हम लोगों के अंदर में बैठकर अपने-अपने कर्म के हिसाब से  फल दे रहे हैं । जो जैसा करोगे उसको वैसा ही हम फल दे रहे हैं ।अगर तुम हमको अपने अंदर में जो बैठे हैं पहचान लो तो तुम अच्छा कर्म करोगे और हमको नहीं देख पाओगे नहीं खोज पाओगे अपने अंदर में तो तुम गलत काम करेगा तो उसका फल गलत मिलेगा । सभी प्राणियों में ईश्वर का वास है। इसीलिए सभी प्राणियों के प्रति दया, प्रेम, करुणा करना चाहिए। जहां संभव हो सके उसे मदद करना चाहिए ।परोपकार की भावनाओं को लेकर कदम आगे बढ़ाना चाहिए ।अच्छा सोच विचार रखना चाहिए। गृहस्थ जीवन में घर का काम करते हुए परिवार से, समाज से, देश से मिलजुल कर रहना चाहिए। प्रवीण कुमार प्रणव ने संत महात्मा महापुरुष का सेवा सत्कार किया और कहा कि अपने घर परिवार समाज और देश में जितने भी वृद्ध हैं,चाहे वो संत के रूप में हों या बाबा-नाना सहित अन्य रुपों में सबका सम्मान करना चाहिए । उनके पास अपने पूर्वजों के साथ खुद के अनुभव का विशाल ज्ञान भंडार मौजूद रहता है। छात्रों को बुजुर्गों से अच्छी - अच्छी बात कथा सुनाना चाहिए । उनसे कुछ पुरानी यादें कथा कहानी इत्यादि सुनते हुए अपने विषय वस्तु को ध्यान में रखते हुए बौद्धिक क्षमता को बढ़ाना चाहिए। जिससे वैज्ञानिक सोच विकसित करना चाहिए।मौके पर पहुंचकर बम-बम, कैलाश, पुष्पेन्द्र बादल, बिट्टू,पियूष, शांति, मनोहर, अंकिता ,भामा देवी,सहित अन्य सभी ने दर्शन कर आशीर्वाद लिए।

कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बांका 
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