जिंदगी की तलाश मे हम मौत के कितने पास आ गये

जिंदगी की तलाश मे हम मौत के कितने पास आ गये

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बौंसी/बांका:- वृक्षारोपण यानी वृक्ष लगाना। प्रकृति में संतुलन बनाए रखने के लिए तथा अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए पेड़-पौधे लगाना बहुत ज़रूरी है। पेड़-पौधों के माध्यम से प्रकृति सभी प्राणियों पर अनंत उपकार करती है। पेड़-पौधे हमें छाया प्रदान करते हैं। आजकल लोगो को लगता है, की ऐसी, कुलर, पंखा, आदि के सहारे जीवन कट रही है, तो ये हम सबकी भुल है। आने वाला समय बहुत भयावह होगा, जिसका अनुमान लगाना नामुमकिन है। अतः आप सभी से निवेदन है की आने वाले बरसात के समय अपने आस पास 2 पौधा (बृक्ष) अवश्य लगाए । आज भारत मे लगभग 400 से 500 करोड़ बृक्ष की आवश्यकता है। नही तो अभी ये शुरुआत में 45°C से 50°C जाता है जिसे आगे 55°C से 60°C होते देर नही लगेगी। 56/57°C पर इंसान जीवित नही रहेगा, इसलिये अभी से समझकर पौधे लगाने शुरू करे, क्योकी एक पौधे को तैयार होने मे लगभग 6 साल का समय लगता है। अब बारिस आने वाली है कृपया 2 पौधा आवश्य लगाए, याद रखे, सबको बतलाएं बृक्ष ही जीवन है। पौधे कई तरह से पर्यावरण को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं। वे बिना शर्त जीवित प्राणियों को सांस लेने के लिए ताजी हवा, भोजन और मानव अस्तित्व के लिए विभिन्न प्रकार की आवश्यकताएं, जैसे आश्रय, दवा, उपकरण और बहुत कुछ प्रदान करते हैं। वे विभिन्न पक्षियों और जानवरों का भी घर हैं। इसके अलावा, वे जैव विविधता, जल, मिट्टी का संरक्षण करते हैं और जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करते हैं। पेड़ों में कई औषधीय गुण भी होते हैं और उनका उपयोग विभिन्न प्रयोजनों के लिए किया जाता है, जो उन्हें स्वस्थ, घुटन-मुक्त और प्रदूषण-मुक्त जीवन के लिए महत्वपूर्ण बनाता है।

कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बांका 
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